Wednesday, July 24, 2024

Hindi Index

कुछ सवाल अधूरे से । शुन्यवकाश। अनकहे जज्बात और ये एहसास । जिंदगी को समझने के लिए उछलकूद । अर्थ ना कह सकू पर अभिव्यक्ति की जरूरत । घृणा करते थे कुछ तुच्छ जीव। ब्रह्मांड के अधिपति का अपार प्रेम दुर्जनों से भी हर किसी से , भेदभाव नही । ह्रदय से क्षमा और ग्लानि का अभाव । शायद अनुकंपा । अपने अस्तित्व के भीतर हरपल रहता युद्ध ।क्षमा किसे प्रदान करू और किससे मांगू। जज्बातों का प्रलय । प्रकृति का नया आरंभ । ह्रदय के समुद्र में आती त्सुनामी। अंतर से संपूर्ण तक का प्रयाण । बाह्य आडंबरों से अलग । नासमज ओर misfit । विभिन्न से विचित्र तक का सफर । Expression से instinct तक प्रस्थान । सिर्फ नीरव शांति । थोड़ा अस्तव्यस्त पर intuition। प्रस्तावना कोई अवचेतन चित्र की,,।

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